रेस (रूरल एक्सेस टू क्लीन एनर्जी) : सभी लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने की पहल
स्वच्छ ऊर्जा का मतलब झारखंड में सौर/स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने और उसे बढ़ावा देने से है
स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल का विस्तार
लाइफ एजुकेशन एंड डेवलपमेंट सपोर्ट (लीड्स) ने यूरोपीय यूनियन, वर्ल्ड विजन इंडिया और आईसीसीओ कॉरपोरेशन की मदद से स्वच्छ ऊर्जा परियोजना शुरू की है। झारखंड के 4 जिलों- रांची, खूंटी, गुमला और सिमडेगा के 14 प्रखंडो में इसका असर हुआ है।
ज्याीदातर देखा गया है कि समुदायों को सरकार द्वारा उन्हें उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों के बारे में जानकारी नहीं होती है। रूरल एक्सेस टू क्लीन एनर्जी (रेस) के माध्यम से उन्हें रोजमर्रा की जरूरत के लिए अत्यधिक धुआं छोड़ने वाले ईंधन जैसे कि लकड़ी इत्यादि के इस्तेमाल के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही उनके सामने धुआं रहित चूल्हे और सोलर लैंप जैसे विकल्पों को प्रदर्शन किया जाता है।
किसानों को सौर पंप के जरिए अपने खेतों की साल भर सिंचाई के दीर्घकालिक फायदों के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि वे मॉनसून की अनिश्चितता से बेफिक्र होकर अपना काम कर सकें।
समुदाय के लिए नई रोशनी
सुदूर नामक गांव एक ऐसा गांव है जिसने स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। यहां के छात्र अब सोलर लैंप की रोशनी में पढ़ते हैं। इसके अलावा सिंचाई तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए पेयजल भी सोलर पंप और पानी की टंकी से मिलता है। साथ ही खाना बनाने का काम भी एलपीजी गैस या सौर चूल्हे पर होता है। इसी तरह पेरका गांव में स्थित लीड्स रिसोर्स सेंटर में महिलाओं के विभिन्न स्वयं सहायता समूह रोजीरोटी के विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। जैसे कि बार-बार प्रयोग किये जाने योग्यव फेस मास्क और सैनिटरी नैपकिन तैयार करना और रागी अनाज का प्रसंस्करण इत्यादि। यह काम मार्च 2019 में इस रिसर्च सेंटर में लगाए गए 5 किलोवाट सोलर पीवी सिस्टम के जरिए किया जा रहा है।
स्थानीय स्कूलों में जागरूकता अभियान और वर्कशॉप्स का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीणों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के बारे में जानकारी देने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले रसोई उपकरणों, घरेलू प्रणालियों, लैंप, पानी की टंकी और पंप इत्यादि का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखंड के युवा अक्षय ऊर्जा पर आधारित रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी रखते हैं। सौर ऊर्जा उत्पादों की मरम्मत वगैरह के लिए इलेक्ट्रीशियन और टेक्नीशियन की जरूरत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
इस पहल के बारे में जानकारी के लिए यह वीडियो देखें : https://youtu.be/7HKHvJCuYyo or visit: http://racejharkhand.org/